हेलो दोस्तो नमस्ते देखिए दोस्तों यह मैं खुद आपको मेरा एक एक्सपीरियंस और एक मेरे ऊपर जो बीती बात है वह आपसे शेयर करना चाहता हूं यह बहुत दिनों पहले की बात है जब मैं कॉलेज में था दोस्तों हमारे कॉलेज का हमेशा ही सावन बच्चों को पिकनिक पर ले जाने का फैसला रहता था उस साल मैं भी पिकनिक मनाने के लिए हमारे कॉलेज से निकली हुई है ट्रिप के साथ जाने का मैंने तय किया 2 दिनों के बाद निकलना था और हम सभी दोस्त पिकनिक पर जाने की खुशी फूले नहीं समा पा रहे थे तो दूसरे दिन हम सभी दोस्त शाम को हॉस्टल में
एक ही कमरे में मिले और हमने पिकनिक पर क्या क्या सामान लेकर जाना है उसकी पूरी तैयारी कर ली
अब सुबह हो गई हमारी पिकनिक पर जाने की पूरी तैयारी हो चुकी थी अब इंतजार था कि बस गाड़ी कब आती है और हम सभी दोस्त पिकनिक मनाने के लिए कब स्कूल के बाहर निकलते हैं
यह सोचते सोचते ही सामने देखा तो पिकनिक के लिए जाने वाली गाड़ी हमारे कॉलेज के अंदर आ रही थी गाड़ी जैसी खड़ी हुई हम सभी दोस्तों ने हमारा पूरा सामान जो जो हमें साथ ले जाना था वह गाड़ी की डिक्की में रख दिया और मेरे 4 दोस्त और मैं और हमारे टीचर ऐसे हम छह लोग गाड़ी में जा कर बैठे हैं हमारी गाड़ी ऐसी जगह जाने वाली थी कि हमें वहां एक नया अनुभव और नई दुनिया देखने के लिए मिलने वाली थी हमें पहुंचते-पहुंचते शाम के 6:00 बज चुके थे तभी हमारी टीचर ने एक अच्छी सी जगह देखकर गाड़ी वाले को रोकने का बोला और हम सब उतर गए हैं तभी मेरे कुछ दोस्त और टीचर रात को खाना बनाने के लिए लकड़ी लाने के लिए कुछ थोड़ी दूर जाने लगे उन्हें लकड़ी या नहीं मिल रही थी तो उन्होंने आवाज देकर मुझे यह कहा कि हम थोड़े और दूर जायेंगे तभी हमें जलाने के लिए लकड़ी या मिलेंगी तभी मैंने उन्हें बोल दिया ठीक है लेकर आओ ऐसी ही वह वापस आने की मैं राह देखता रहा और राह देखते देखते रात के 7:30 बज चुके थे तभी मेरे साथ जो एक मेरा दोस्त था वह बोला कि मैं जरा आगे जाकर उन्हें देख कर आता हूं शायद मुझे दिख जाए और वैसे कहते ही वह चला गया और बस मैं वहां पर अकेला ही रह गया मेरे साथ पूरा सामान वहीं पर पड़ा था और मैं उनका इंतजार करते रहा अब तो रात के 8:30 बज चुके थे पर कोई लौट के नहीं आया मैं परेशान हो चुका था कि यह लोग क्यों लौट कर नहीं आए पर मेरे पास दूसरा कोई चारा नहीं था तभी मैंने सोचा कि चलो यह लोग कुछ देर बाद आ जाएंगे तब तक मैं तंबू लगा देता हूं अब तंबू लगाने के बाद रात के 9:30 बज चुके थे पर कोई लौट कर नहीं आया मेरे साथ बैग में कुछ खाने का सामान था मुझे भूख लगी थी तभी मैंने ब्लैक कॉक खुलकर कुछ खाने का सामान बाहर निकाला और खाना खाया अब रात के 11:00 बज चुके थे चारों तरफ घना घना अंधेरा रात में कुछ अजीब सी आवाजें अलग-अलग जानवरों की आवाजें वहां मुझे मेरे कानों को सुनाई दे रहे थे मुझे थोड़ा सा डर भी लग रहा था मेरे पास सिर्फ एक टॉर्च थी तभी अचानक से बारिश शुरू हो गई अब मैंने हाथ में टॉर्च लेकर बाहर थोड़ी दूर तक रोशनी डालने की कोशिश की पर मुझे कोई नजर नहीं आ रहा था तभी मैंने मेरी घड़ी को देखा घड़ी में 11:45 बज चुके थे तभी अचानक से मुझे जोर से एक चीज सुनाई दी तभी मुझे लगा कि शायद मेरे दोस्त कोई मुसीबत में है और मुझे पुकार रहे हैं बारिश थमने का नाम ही नहीं ले रही थी फिर भी मैंने सोच लिया कि थोड़ा सा आगे जाकर उनको मैं मदद कर दो और उन्हें अपने ठिकाने पर लेकर आओ ऐसा मैं सोची रहा था तभी दूसरी चीज मुझे सुनाई दी और मैं तुरंत तंबू के बाहर टॉर्च और लाठी लेकर बाहर निकला 20 30 कदम आगे चलने के बाद मुझे एक पुराने घर जैसा आगे कुछ देख रहा था वहां पर एक बोर्ड भी लगा था तो मैं सोचा कि शायद मेरे दोस्त वहां पर बारिश की वजह से छिपे हुए होंगे और मुझे वहां पुकार रहे होंगे मैं आगे चल रहा था वैसे ही वह पुराना घर नजदीक नजदीक आ रहा था मुझे उस बोर्ड पर क्या लिखा है वह अंधेरे इसकी वजह से और बारिश की वजह से साफ साफ नहीं दिख रहा था मैं सोचा थोड़ा आगे चलकर उस पर क्या लिखा है वह पढ़ो तभी मैं बोर्ड के पास पहले पहुंचा बस मैं कुछ पढ़ने वाला था तभी अचानक से बादल से बिजली आकर उस बोर्ड पर गिरी और बोर्ड जलकर राख हो गया अब मेरा डर और भी बढ़ने लगा था फिर भी मैं उस घर की तरफ जाने की कोशिश कर रहा था तभी अचानक से पीछे से मुझे किसी ने आवाज दी तो मैंने पलट कर देखा तो मेरे चार दोस्त और टीचर मुझे आवाज दे रहे थे तभी मैं भागते भागते उनके पास पहुंचा तो उन्होंने मुझे यह पूछा कि तू यहां क्या कर रहा है तभी मैंने उन्हें बताया कि वह जो सामने घर दिख रहा है वहां से मुझे किसी की चीखने की आवाज सुनाई दी तभी मैंने जिस दिशा में घर था उधर उंगली करके उस घर को दिखाने की कोशिश करने ही वाला था तभी अचानक से मैंने ऐसा देखा जिस घर को मैं अभी तक देख रहा था वहां पर कोई भी घर नहीं था मैं डर के मारे पसीने से लथपथ हो चुका था तभी मेरे दोस्तों ने मुझे उठाकर अपने तंबू में लेकर गए तभी से दोस्तों मैंने कहीं भी पिकनिक पर जाने के लिए दोबारा कोशिश नहीं की
दोस्तों मुझे उम्मीद है कि आप को मेरी जो छोटी सी कहानी है वह पसंद आ चुकी होंगी और हमेशा ही अलग अलग तरह की कहानी फोटोस वीडियो और बहुत से ऐसे पल जो मैं आपके साथ शेयर कर लूंगा उसे जानने के लिए हमेशा ही हमारे वेब मिक्स वर्ल्ड डॉट एम एल जरूर आइएगा धन्यवाद
अब सुबह हो गई हमारी पिकनिक पर जाने की पूरी तैयारी हो चुकी थी अब इंतजार था कि बस गाड़ी कब आती है और हम सभी दोस्त पिकनिक मनाने के लिए कब स्कूल के बाहर निकलते हैं
यह सोचते सोचते ही सामने देखा तो पिकनिक के लिए जाने वाली गाड़ी हमारे कॉलेज के अंदर आ रही थी गाड़ी जैसी खड़ी हुई हम सभी दोस्तों ने हमारा पूरा सामान जो जो हमें साथ ले जाना था वह गाड़ी की डिक्की में रख दिया और मेरे 4 दोस्त और मैं और हमारे टीचर ऐसे हम छह लोग गाड़ी में जा कर बैठे हैं हमारी गाड़ी ऐसी जगह जाने वाली थी कि हमें वहां एक नया अनुभव और नई दुनिया देखने के लिए मिलने वाली थी हमें पहुंचते-पहुंचते शाम के 6:00 बज चुके थे तभी हमारी टीचर ने एक अच्छी सी जगह देखकर गाड़ी वाले को रोकने का बोला और हम सब उतर गए हैं तभी मेरे कुछ दोस्त और टीचर रात को खाना बनाने के लिए लकड़ी लाने के लिए कुछ थोड़ी दूर जाने लगे उन्हें लकड़ी या नहीं मिल रही थी तो उन्होंने आवाज देकर मुझे यह कहा कि हम थोड़े और दूर जायेंगे तभी हमें जलाने के लिए लकड़ी या मिलेंगी तभी मैंने उन्हें बोल दिया ठीक है लेकर आओ ऐसी ही वह वापस आने की मैं राह देखता रहा और राह देखते देखते रात के 7:30 बज चुके थे तभी मेरे साथ जो एक मेरा दोस्त था वह बोला कि मैं जरा आगे जाकर उन्हें देख कर आता हूं शायद मुझे दिख जाए और वैसे कहते ही वह चला गया और बस मैं वहां पर अकेला ही रह गया मेरे साथ पूरा सामान वहीं पर पड़ा था और मैं उनका इंतजार करते रहा अब तो रात के 8:30 बज चुके थे पर कोई लौट के नहीं आया मैं परेशान हो चुका था कि यह लोग क्यों लौट कर नहीं आए पर मेरे पास दूसरा कोई चारा नहीं था तभी मैंने सोचा कि चलो यह लोग कुछ देर बाद आ जाएंगे तब तक मैं तंबू लगा देता हूं अब तंबू लगाने के बाद रात के 9:30 बज चुके थे पर कोई लौट कर नहीं आया मेरे साथ बैग में कुछ खाने का सामान था मुझे भूख लगी थी तभी मैंने ब्लैक कॉक खुलकर कुछ खाने का सामान बाहर निकाला और खाना खाया अब रात के 11:00 बज चुके थे चारों तरफ घना घना अंधेरा रात में कुछ अजीब सी आवाजें अलग-अलग जानवरों की आवाजें वहां मुझे मेरे कानों को सुनाई दे रहे थे मुझे थोड़ा सा डर भी लग रहा था मेरे पास सिर्फ एक टॉर्च थी तभी अचानक से बारिश शुरू हो गई अब मैंने हाथ में टॉर्च लेकर बाहर थोड़ी दूर तक रोशनी डालने की कोशिश की पर मुझे कोई नजर नहीं आ रहा था तभी मैंने मेरी घड़ी को देखा घड़ी में 11:45 बज चुके थे तभी अचानक से मुझे जोर से एक चीज सुनाई दी तभी मुझे लगा कि शायद मेरे दोस्त कोई मुसीबत में है और मुझे पुकार रहे हैं बारिश थमने का नाम ही नहीं ले रही थी फिर भी मैंने सोच लिया कि थोड़ा सा आगे जाकर उनको मैं मदद कर दो और उन्हें अपने ठिकाने पर लेकर आओ ऐसा मैं सोची रहा था तभी दूसरी चीज मुझे सुनाई दी और मैं तुरंत तंबू के बाहर टॉर्च और लाठी लेकर बाहर निकला 20 30 कदम आगे चलने के बाद मुझे एक पुराने घर जैसा आगे कुछ देख रहा था वहां पर एक बोर्ड भी लगा था तो मैं सोचा कि शायद मेरे दोस्त वहां पर बारिश की वजह से छिपे हुए होंगे और मुझे वहां पुकार रहे होंगे मैं आगे चल रहा था वैसे ही वह पुराना घर नजदीक नजदीक आ रहा था मुझे उस बोर्ड पर क्या लिखा है वह अंधेरे इसकी वजह से और बारिश की वजह से साफ साफ नहीं दिख रहा था मैं सोचा थोड़ा आगे चलकर उस पर क्या लिखा है वह पढ़ो तभी मैं बोर्ड के पास पहले पहुंचा बस मैं कुछ पढ़ने वाला था तभी अचानक से बादल से बिजली आकर उस बोर्ड पर गिरी और बोर्ड जलकर राख हो गया अब मेरा डर और भी बढ़ने लगा था फिर भी मैं उस घर की तरफ जाने की कोशिश कर रहा था तभी अचानक से पीछे से मुझे किसी ने आवाज दी तो मैंने पलट कर देखा तो मेरे चार दोस्त और टीचर मुझे आवाज दे रहे थे तभी मैं भागते भागते उनके पास पहुंचा तो उन्होंने मुझे यह पूछा कि तू यहां क्या कर रहा है तभी मैंने उन्हें बताया कि वह जो सामने घर दिख रहा है वहां से मुझे किसी की चीखने की आवाज सुनाई दी तभी मैंने जिस दिशा में घर था उधर उंगली करके उस घर को दिखाने की कोशिश करने ही वाला था तभी अचानक से मैंने ऐसा देखा जिस घर को मैं अभी तक देख रहा था वहां पर कोई भी घर नहीं था मैं डर के मारे पसीने से लथपथ हो चुका था तभी मेरे दोस्तों ने मुझे उठाकर अपने तंबू में लेकर गए तभी से दोस्तों मैंने कहीं भी पिकनिक पर जाने के लिए दोबारा कोशिश नहीं की
दोस्तों मुझे उम्मीद है कि आप को मेरी जो छोटी सी कहानी है वह पसंद आ चुकी होंगी और हमेशा ही अलग अलग तरह की कहानी फोटोस वीडियो और बहुत से ऐसे पल जो मैं आपके साथ शेयर कर लूंगा उसे जानने के लिए हमेशा ही हमारे वेब मिक्स वर्ल्ड डॉट एम एल जरूर आइएगा धन्यवाद
जीवन की सबसे डरावनी एक रात की कहानी सुनसान जगह....
Reviewed by Qsbcxq
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4:35 PM
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